सोमवार, 16 अप्रैल 2012

फैसले के बाद मिलेगी शिक्षा

शिक्षा अधिकार के तहत निजी स्कूलों में 25 फीसदी बच्चो के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया . इस फैसले के बाद भी क्या उन बच्चो को शिक्षा मिल पायेगी जो इस शिक्षा के हक़दार है. 3 साल पहले लागू हुए शिक्षा अधिकार के बाद भी आज हमे चाय की दुकानों से लेकर घरो में बाल मजदूरी करते बच्चे मिल जाते है. इसके अलावा काफी बच्चे कई दुर्लभ धंधो में भी लगे हुये है. इन बच्चो को शिक्षा का अधिकार भले ही मिल गया हो लेकिन अभी इन बच्चो को शिक्षा नहीं मिल पाई है. इसके साथ ही इन बच्चो का बचपन भी छिन रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हो सकता है कि इन बच्चो को निजी स्कूल में शिक्षा मिल जाये. लेकिन इसके साथ हमे यह भी देखना होगा कि जब सरकारी स्कूल में इन बच्चो को अभी तक शिक्षा नहीं मिल पाई है. तो क्या निजी स्कूल में इन बच्चो को शिक्षा मिल पायेगी ..सरकारी स्कूल की दशा किसी से छिपी नहीं है. आज कोई परिवार अपने बच्चो को सरकारी स्कूलों में नहीं भेजना चाहता है . हम केवल निजी स्कूल पर निर्भर नहीं रह सकते है. इसके साथ हमे सरकारी स्कूल की दशा को बदलना होगा और निजी स्कूलों में 25 फीसदी बच्चो के पढने की व्यवस्था को भी दुरुस्त करना होगा. इसके बाद हो सकता है कि शिक्षा की व्यवस्था में कुछ सुधार हो और बाल मजदूरी भी कम हो जाये .

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